Best 101+ Barish Shayari in Hindi
Barish Shayari in Hindi: बारिश का मौसम हर किसी के चेहरे पर मुस्कान ला देता है, खासकर गर्मियों में! आज, हम साल के इस खूबसूरत समय का जश्न मनाने के लिए कुछ बेहतरीन बारिश शायरी लेकर आए हैं। हमने आपके मानसून को यादगार बनाने के लिए बारिश की शायरी का पूरा संग्रह तैयार किया है। तो, उन्हें देखें और Shayaridarbar के इस लेख का आनंद लें!
हमने आपके लिए हिंदी में कुछ दिल को छू लेने वाली बारिश शायरी तैयार की हैं! वे बारिश के मौसम में आपके स्टेटस को अपडेट करने या सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए एकदम सही हैं। ये शायरी आपको मौसम और प्रकृति की खूबसूरती से जुड़ने में मदद करती हैं। तो, अपना समय लें और उन्हें पढ़ने का आनंद लें!
Barish Shayari
बाहर आकर देखिए बारिश का नजारा
हवा है ठंडी और मौसम भी है प्यारा !!
सुनो ये बादल जब भी बरसता है
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है !!
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !!
कभी बेपनाह बरस पडी कभी गुम सी है
यह बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है !!
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे !!
Barish Shayari in Hindi
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का !!
बड़ा सुहावन होता है मौसम बारिश का
दो दिलो को मिला देता है मौसम बारिश का !!
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से
लो अब गिन लो बारिश की ये बूँदें !!
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है !!
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें
मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है !!
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Gulzar Barish Shayari
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को अंजुम
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई !!
मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं !!
मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है !!
आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना
वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे नहाना !!
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !!
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Barish Romantic Shayari
सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है !!
तेरे प्रेम की बारिश हो मैं जलमग्न हो जाऊं
तुम घटा बन के चली आओ मैं बादल बन जाऊं !!
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!
बारिश की बूंदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग जाते हैं !!
तेरे इश्क़ की बारिश मे कुछ इस कदर भींग जाऊँ
हो के मस्त मौला मै इस दुनिया को भूल जाऊँ !!
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Barish Shayari Love
मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए !!
अब बारिश में तेरे संग नहाना है
सपना ये मेरा कितना सुहाना है
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठो पे
उन्हें अपने होठो से उठाना है !!
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएंगे
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएंगे !!
गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !!
सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो
जब भी तुम्हे याद करता हूं बरसात बन के आ जाते हो !!
Barish Shayari 2 Line
बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हे और मोहब्बत में आँखे !!
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश की ख़ौफ़ से
महलों की आरज़ू है की बरसात तेज़ हो !!
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई
कुछ अपना ज़माना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई !!
सुहाने मौसम में दिल कहीं भटक जाता है
उस गली में ही फिर से दिल अटक जाता है !!
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ
मेरे रू को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !!
Shayari for Barish
आंखों की नमी थी या बारिश की बूंदे
बरसात में सब एक जैसी हो गयी !!
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी !!
ख्वाहिशें तो थी तेरे संग बारिश में भीगने की
पर ग़मों के बादल कभी छाते ही नहीं !!
अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !!
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं !!
Shayari on Barish
किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !!
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !!
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !!
कभी भीगते थे संग तेरे हम सावन की रिमझिम बारिश में
आज अकेला ही भीगता हूँ मैं अपने आंसुओं की बारिश में !!
बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है !!
Barish Ki Shayari
कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !!
सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी
मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी !!
ज़रा ठहरो बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझको छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!
हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !!
भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए !!
Barish Par Shayari
ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते हैं एक कप चाय के साथ !!
मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है
कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !!
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है !!
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है !!
Barish Sad Shayari
बारिश आए ना आए भीगते ही रहते है हम
जब जमकर बरसती है तेरी यादें !!
जिसके आने से मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं !!
किया न करो मुझसे इश्क़ की बातें
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं रातें !!
हो रही है बारिश पूरा शहर ये वीरान है
एक हम ही तो उदास नहीं सारा शहर परेशान है !!
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !!
Pehli Barish Shayari
मुझे मार ही ना डाले इन बादलों की साज़िश
ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो !!
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है !!
पहली बारिश का नशा ही,कुछ अलग होता है
पलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता है !!
तन्हा हैं सफ़र में हम खोने से नहीं डरते
जो भीगे हुए हैं वो बारिश से नहीं डरते !!
हम जागते रहे दुनिया सोती रही
इक बारिश ही थी जो मेरे साथ रोती रही !!
Dosti Barish Shayari
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये !!
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे
अब जब याद आते हो बारिश होती है !!
साथ तुम होते अगर तो बारिशों में भीगते यानी
हम तुम मौसमों की साजिशों में भीगते !!
ये बारिश का मौसम भी फीका सा लगता है
तुम बिन ये सावन भी अधूरा सा लगता है !!
ये बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फ़राज़
कच्चा तेरा मकान है कुछ तो ख्याल करो !!
Barish Shayari in English
Rehne Do Ki Ab Tum Bhi Mujhe Padh Na Sakoge
Barsaat Me Kagaz Ki Tarah Bheeg Gaya Hoo Main.
Poochhe Koi Usase Ke Dukh Hai Ya Khushi Hai
Jaane Kyon Boond Koi Barish Ki Patton Pe Ruki Hai.
Shayad Koi Khwahish Roti Rehti Hai
Mere Andar Barish Hoti Rehti Hai.
Baarish Se Mohabbat Mujhe Kuch Is Kadar Hai
Vo Barasta Udhar Hai Aur Mera Dil Dhadakata Idhar Hai.
Tere Ishq Ki Baarish Me Kuchh Is Kadar Bheeg Jaun
Ho Ke Mast Maula Main Is Duniya Ko Bhool Jaun.