New 115+ Desh Bhakti Shayari in Hindi

Desh Bhakti Shayari in Hindi: स्वतंत्रता दिवस इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो ब्रिटिश शासन से भारत की मुक्ति का स्मरण कराता है। हर साल 15 अगस्त को हम भारतीय इस महत्वपूर्ण अवसर को खुशी-खुशी मनाते हैं। देशभक्ति हमारे देश के प्रति प्रेम और सम्मान की गहरी भावना पैदा करती है, जो हमें इसकी प्रगति में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।
कला और साहित्य ने नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पोस्ट में, आपको देश भक्ति शायरी का एक संग्रह मिलेगा जो देशभक्ति की इस भावना को दर्शाता है और फिर से जगाता है, जो इसके स्थायी महत्व का प्रमाण है।
Desh Bhakti Shayari

हम पहरेदार है इसके हम इसके रखवाले है
प्यारे वतन के खातिर हम जाँ भी लुटाने वाले हैं
इसकी हमको हर एक बात निराली लगती है
सौ जीवन कुर्बान हैं इसपर हम ऐसे मतवाले हैं !!
हिमालय से उंचा रहे सर इसका हमने दिल में ठाना है
रंग दो बसंती चोला मेरा हमको सरहद पर जाना है
कोई नजर न इसकी और उठे ऐसे पहरेदारी हो
दुश्मन की छाती पर तिरंगा फिर से लहराना है !!

भारत माता की जय हम सब कहते हैं
देश के वीर जवानों को नमन करते हैं
उन शहीदों की कुर्बानियों को सलाम करते हैं
जो हमें अमन और चैन का जीवन देते हैं !!
सुना है कुछ नक्कार
हमारी वीरता का सबूत मांगते है
ज़रा भेजो तो उन्हें सरहद पर
सिरफिरे खुद के लिए ताबूत माँगते है !!

मेरे रगो का लहू जो तेरे काम आये
काश ऐसा मै कोई काम कर जाता
तेरे शान को यूं ही बनाये रखने के लिए
जंग-ए-मैदान में फिर से उतर जाता !!
जाँ से प्यारा वतन है हमारा
हम तो इसके पहरेदार रहेंगे
सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए
तब भी हम इसके कर्जदार रहेंगे !!
Desh Bhakti Shayari in Hindi

चाहे जान की बाजी लगा देंगे हम
दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम
है कसम इस तिरंगे की वतन के लिए
ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम !!
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !!

तिरंगा है आन मेरी, तिरंगा ही है शान मेरी
तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा
तिरंगे से है धरती महान मेरी !!
हर वक़्त मेरी आँखो मे मातृभूमि का सपना हो
जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न हो
और कोई तमन्ना नही है जीवन मे
जब कभी भी जन्म लू तो भारत मेरा वतन हो !!

जब आँख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो धरती हिंदुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो !!
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ
शान्ति उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ
जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं
बाद मरने के बस तिरंगा कफ़न चाहता हूँ !!
Read Also: Mahakal Shayari in Hindi
15 August Desh Bhakti Shayari

दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान
हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान
जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान
इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान !!
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की
तब तक भारत माता का
आँचल नीलाम नहीं होने देंगे !!

न झुकने देना कभी इसके मान को
न मिटने देना कभी इसकी शान को
चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को
अपने सीने से इसको लगाए रखना
ये तिरंगा यूं ही उठाये रखना !!
काश मरने के बाद भी वतन के काम आता
शहीदों के दुनिया में अपना भी नाम आता
हंस के लुटा देते जान इस वतन के लिए
कोई फिक्र नहीं होती गर ऐसा मुकाम आता !!

हमे नशा तिरंगें कीं आंन का हे
कुछ नशाँ मातृभूमि कीं शांन का हे
लहरायेगें यें तिरंगां
नशा ये भारत माँ के शांन का हे !!
गूँज रहा है दुनिया में भारत का नगारा
चमक रहा आसमान में देश का सितारा
आज़ादी के दिन आओ मिलके करें
दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा !!
Army Desh Bhakti Shayari

बस ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !!
सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा
दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो-जां की
तुम्हे मिटना भी होगा मिटाना भी होगा !!

हर वक़्त मेरी आँखों में देशप्रेम का स्वप्न हो
जब कभी भी मृत्यु आये तो तिरंगा मेरा कफन हो
और कोई ख़्वाहिश नही ज़िन्दगी में
जब कभी जन्म लू तो भारत मेरा वतन हो !!
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे हैं
मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं !!

मुझे न तन चाहिए न मन चाहिए
अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहू इस मातृभूमि के लिए
और मरु तो तिरंगा कफन चाहियें !!
मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं
है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं
उन सिपाहियों को रात-दिन नमन करो
मौत के साए में जो जिए जाते हैं !!
Read Also: Mahadev Shayari in Hindi
Desh Bhakti Shayari 2 Line

इस वतन के रखवाले हैं हम शेर ए जिगर वाले है हम
मौत से हम नही डरते मौत को बाँहों में पाले है हम !!
जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं !!

वो ज़िन्दगी ए के जिसमे देश भक्ति ना हो
अर वा मौत ए के जो तिरंगे म ना लिपटी हो !!
कतरा-कतरा मेरे लहू का इस वतन के काम आएगा
मेरे जाने के बाद भी तिरंगा हिमालय पर ऐसे मुस्कराएगा !!

दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान है
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान है !!
मैं इसका हनुमान हूँ ये देश मेरा राम है
चीर के देख लो सीना मेरा इसमें हिंदुस्तान है !!
Read Also: Instagram Post Shayari in Hindi
Shayari Desh Bhakti

ये जोश कभी कम नहीं होगा वीरों के बलिदानों से आया है
कितनो ने लहू बहाया है तब जा के तिरंगा पाया है !!
मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है
देश की रक्षा का संकल्प जो सच्चे दिल से लिया है !!

मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए
हमसे हमारी अब हसरत न पूछो
बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए !!
जो फूल था कभी अब अंगारा हो गया
ये दुश्मन तेरे खातिर गर्म लहू हमारा हो गया है !!
Desh Bhakti Par Shayari

दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है
दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत !!
वतन है मेरा सबसे महान
प्रेम सौहार्द का दूजा नाम
तन-ए-बस पर है सब कुर्बान
शांति का दूत है मेरा हिन्दुस्तान !!

किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ
मेरे हिस्से की धरती को मैं तन्हा छोड़ आया हूँ
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ !!
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नयी कहानी
हम हिंदुस्तानी !!
Desh Bhakti Shayari 15 August

आज के दिन उस मंज़र को याद करे
शहीदो की देश भक्ति को याद करे
जब मिली थी आजादी हमको खून के बदले
आओ उन देश प्रेमियो को याद करे !!
जलते भी गए कहते भी गए आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है जो वतन पे मारना जाने !!

आज सलाम है उन वीरों को
जिनके कारण ये दिन आता है
वो माँ भी खुशनसीब होती है
बलिदान जिसके बच्चों का
देश के काम आता है !!
सदा ही लहराता रहे ये तिरंगा हमारा
सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा !!
Dard Desh Bhakti Shayari

देशभक्तों से ही देश की शान है
देशभक्तों से ही देश का मान है
हम उस देश के फूल हैं यारों
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !!
ना दौलत ना दे शोहरत कोई सिकवा नहीं
बस भारत माँ की संतान बना देना
हो जाऊ सहीद तो बस तिरंगे में लिपटा देना !!

आन देश की शान देश की देश की हम संतान हैं
तीन रंगों से रंगा तीरंगा अपनी यही पहचान है !!
झुकने न देंगे तेरे स्वाभिमान को
चाहे दावं पर लगानी पड़े जान को
हम मिट गए तो कुछ गम नहीं
मिटने न देंगे तेरी पहचान को !!
Shayari on Desh Bhakti

हम फौलादी जिगर वाले हैं वतन पर खुद को लुटा देंगे
हमसे यूं न टकराना कभी हस्ती तुम्हारी सब मिटा देंगे !!
इश्क तो करता है हर कोई
महबूब पर मरता है हर कोई
कभी वतन को महबूब बना कर देखो
तुझ पर मरेगा हर कोई !!

सींच दू खून से अगर इस चमन के काम आए
काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए
न जाने कौनसी घडी आख़री हो हमारी
ये तन मन धन फिर वतन के कामा आए !!
ना सरकार मेरी है न रौब मेरा है
ना बड़ा सा नाम मेरा है
मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है
में हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है !!
Desh Bhakti Shayari Attitude

वीरों के बलिदान को याद रखें
उनके नक्शेकदम पर हम भी चले
भारत माँ की सेवा में सदा रहें
यही संदेश हम हर दिल में भरें !!
जो सीने में जली है बुझने वाली नहीं है
आग दुश्मनों के लिए है रुकने वाली नहीं है
जान भी कुर्बान कर देंगे इस वतन के लिए
शान वतन की अब झुकने वाली नहीं है !!

वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे
क्योंकि भारत हमारा देश है प्यारा
इसे हम नहीं मिटने देंगे दुश्मनों से बचायेंगे !!
आजादी की कभी शाम ना होंगे देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे
बची है लहू की एक बूँद भी रगों में
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम ना होने !!
Emotional Attitude Desh Bhakti Shayari in Hindi

भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं
जख्मो से भरा सीना हैं मगर
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं
भारत का वीर जवान हूँ मैं !!
मिट्टी की सौंधी खुशबू में वतन की यादें बसती हैं
दिल में देशभक्ति की आग सदा ही जलती है !!

सौ जन्मो तक उनके अहसानों को भुला नहीं सकते
हम सर कटा सकते हैं लेकिन झुका नहीं सकते
खींच दी हैं लकीरें जो अपने जिगर के लहू से
तुम लाख कोशिस करलो इसे मिटा नहीं सकते !!
है जान जब तक मेरे सीने में हमारी
वतन की शान को न मिटने देंगे
हम वीर सपूत हैं हम बलिदानी हैं
अपने इस चमन को लहू से सीच देंगे !!
Desh Bhakti Shayari 26 January

बड़े शौक से सुन रहा था जमाना
हम ही सो गए दास्तां कहते-कहते
वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे !!
कोई और आरज़ू नहीं है आरज़ू तो ये है
रख दे कोई जरा सी खाक ए वतन कफन में !!

ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का, मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना ये देश है दुनिया का गहना !!
चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए !!